दिल्ली व्यूरो
कर्नाटक के बीजेपी विधायक ने सनसनीखेज दावा किया है। पूर्व सांसद और विजयपुरा शहर के विधायक बसनगौड़ा पाटिल ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव दिया गया था। इसके ऐवज में उनसे 25 करोड़ रुपए की व्यवस्था करने को कही गई थी। वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने जांच की मांग की है और साथ ही आरोप लगाया है कि कर्नाटक में हर एक काम के लिए एक रेट फिक्स हैl
रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी विधायक ने बेलगावी में भाषण के दौरान कहा, “राजनीति में कई चोर हैं जो दावा करते हैं कि वे आपको टिकट दे सकते हैं, आपको दिल्ली ले जा सकते हैं, सोनिया गांधी, जेपी नड्डा से मिला सकते हैं। दिल्ली के कुछ लोगों ने मुझसे संपर्क किया और कहा कि अगर आप 2,500 करोड़ रुपये देंगे तो हम आपको मुख्यमंत्री बनाएंगे।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जो लोग 50-100 करोड़ रुपये देने को तैयार थे, उन्हें मंत्री बनाया जाएगा।
बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पर भी निशाना साधा। बीजेपी विधायक ने कहा, “मैंने येदियुरप्पा को नीचे लाने का संकल्प लिया था। येदियुरप्पा ने सोचा कि अगर मैं यतनाल को मंत्री बना दूंगा , तो मेरे बेटे बीवाई विजयेंद्र का क्या होगा? इसलिए उन्होंने मुझे रौंदा और मेरे द्वारा मांगे गए किसी भी काम को नहीं किया। मैंने उन्हें जो भी पत्र (अनुरोध) दिए थे, उन्हें एक तरफ रख दिया। मैं वहां गया और उनसे कहा कि यह आखिरी बार है और जब तक आप मुख्यमंत्री हैं, तब तक मैं आपके कक्ष या कावेरी (मुख्यमंत्री का आधिकारिक निवास) नहीं आऊंगा। तुम्हें हटाकर ही मैं यहां आऊंगा।”
वहीं इस मुद्दे पर कर्नाटक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा, ” यतनाल ने कहा है कि अगर उन्हें मुख्यमंत्री बनना है तो उन्हें 2500 करोड़ रुपये देने होंगे। मंत्री बनने के लिए आपको 100 करोड़ देने होंगे। सब-इंस्पेक्टर, सर्कल इंस्पेक्टर, नियुक्तियां, सहयोग कर्मचारी, दूध (महासंघ), शिक्षक के लिए सभी रेट तय कर दिए गए हैं। हम इसके बारे में बात नहीं करेंगे, लेकिन एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) के साथ इसे गंभीरता से उठाएंगे और चाहते हैं कि यह एक राष्ट्रीय मुद्दा बने।
बीजेपी विधायक का बयान ऐसे समय पर आया है जब कर्नाटक सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से पहले से ही घिरी हुई है और हाल ही में कांट्रेक्टर से कमीशन मांगने के आरोप में एक मंत्री को इस्तीफा भी देना पड़ा है।